‘ हिन्दी का पर्व , गौरव का संकल्प ‘
दिल्ली पब्लिक स्कूल , शहीदपथ लखनऊ में विद्यालय की प्रार्थना सभा में हिन्दी दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । हिन्दी साहित्य
का इतिहास विभिन्न कवियों और लेखकों से समृद्ध रहा है । इस अवसर पर छात्र छात्राओं द्वारा कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया । भक्तिकालीन कवियों में श्रेष्ठ तुलसीदास जी की महानतम कृति रामचरित मानस की चौपाइयों “ मंगल भवन अमंगल हारी , द्रवहुँ सु दशरथ अजर बिहारी आदि , श्रीकृष्ण भक्ति काव्यशाखा के प्रसिद्ध कवि रसखान का सवैया “ मानुष हौं तो वही रसखानि............, मीराबाई का पद “ बसौं मेरे नैनन में नंदलाल ......... का मंचन किया गया । संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया । जिस प्रकार व्यक्ति के हृदय में विविध रसों का समागम होता है उसी प्रकार संपूर्ण वातावरण विभिन्न रससिद्ध कवितायों से ओतप्रोत हो गया । वीर रस की कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान जी की कविता “खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी “ ने संपूर्ण सभा को देशभक्ति से ओतप्रोत कर दिया । हास्य कवि श्री शंभू शिखर जी की कविता ने श्रोताओं के भीतर हास्य भाव जागृत करते हुए एक अलग ही वातावरण का सृजन किया । विद्यालय के छात्र राजवर्धन द्वारा आधुनिक कवि कुमार विश्वास जी की कविता " कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है ......"के वाचन ने तो कार्यक्रम में चार चाँद ही लगा दिया । कार्यक्रम के बढ़ते क्रम में छात्रों द्वारा आकर्षक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया जिसका उद्देश्य समाज में “ हिन्दी भाषा ही नहीं बल्कि हम भारतीयों का प्राण है “ कथन को चरितार्थ करते हुए हिन्दी भाषा की महत्ता एवं सम्मान के प्रति जनजागरुकता फैलाना था।
इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती डॉ मंजू लखनपाल जी द्वारा कार्यक्रम की सराहना करते हुए विद्यार्थियों को मातृभाषा के प्रति गर्व और सम्मान का संदेश दिया गया । विद्यालय के छात्र छात्राओं तथा समस्त अध्यापकों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गौरवपूर्ण स्थान प्रदान किया । देश के प्रति सम्मान प्रदर्शित करते हुए राष्ट्रगान के साथ प्रार्थना सभा का समापन हुआ ।
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